सोमवार, 11 जुलाई 2011

सावन (हाइकू)

(1)
फट गयी है
आसमान की झोली
धरा यूँ बोली

(1)
फट गयी है
आसमान की झोली
धरा यूँ बोली

(2)
बादल छाये
धरती पर ऐसे
मोहिनी जैसे

अब आप के साथ इस (हाइकू) को इस आशा के साथ बाँट रहा हूँ कि शायद आप ही इस सुराग के माध्यम से रहस्योद्घाटन कर सकें।

सरहदों के पार से आती नई कविता की बयार>

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