1947 में आजादी मिलने के साथ ही उत्तराखंड से एक साप्ताहिक पत्र का प्रकाशन आरम्भ हुआ नाम था "युगवाणी" इसे आरम्भ किया था आचार्य गोपेश्वर कोठियाल ने...!
आज आचार्य जी की पुण्यतिथि है.. 19 मार्च 1999 को उनका निधन हुआ था और उसके ठीक दस दिन बाद 29 मार्च 1999 को भयंकर भूकंप आया था...जिसमें आचार्य जी का ग्राम उदखण्डा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ था..।
तब उनके पुत्र संजय कोठियाल Sanjay Kothiyal के साथ इस दुरूह ग्राम उदखण्डा तक की यात्रा की थी ...। आचार्य जी के न रहने के बाद संजय जी " युगवाणी" पत्रिका का निरंतर प्रकाशन कर रहे हैं..
एक और उत्तराखंडी अजय सिंह बिष्ट ने कल उत्तर प्रदेश में नया इतिहास रचा है ...जब उसे प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया...जी हाँ..! योगी आदित्यनाथ के रूप में पहचाने जाने वाले दरअसल अजय सिंह बिष्ट हैं जो 1991 में कोटद्वार महाविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव बुरी तरह हारने के बाद दुखी होकर अपने मामा महंत अवैद्यनाथ के पास गोरखपुर आ गए। 1992 में महंत के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें योगी आदित्यनाथ के रूप में पहचान मिली..तब उन्होंने अपने पिता से कहा था-
"बस यूँ समझ लो कि अब ..अजय सिंह बिष्ट मर चुका है..!"
कैसा संयोग है कि एक आचार्य गोपेश्वर कोठियाल की मृत्यु के बाद उनकी मशाल "युगवाणी" को उनके पुत्र संजय कोठियाल अनवरत देदीप्तिमान रखे हैं तो ..अजय सिंह बिष्ट की आभासी मृत्यु को स्वयं अजय सिंह ने चोला बदलकर प्रकाशवान किया है..!
आचार्य जी का पुण्य स्मरण और योगी आदित्यनाथ को ढेरों शुभकामनाएं...!