सोमवार, 19 दिसंबर 2011

एक और रवि (वार) की दुखद हत्या ....


हिन्दी साहित्य में गुलेरी जी की लोकप्रिय कहानी ‘उसने कहा था’ आज हमें एक दूसरे संदर्भ में याद आयी। हुआ यूं कि जब से लखनऊ कलक्ट्रेट में तैनाती पायी है अवकाश दिवस अर्थहीन हो गये हैं। तकरीबन पिछले दो माह से लगातार अवकाश के दिवस में शहर में कोई न कोई महत्वपूर्ण आयोजन होता है (यथा मोहर्रम के चलते अथवा निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता के लिेये अवकाश के दिन प्रायोजित कार्यक्रम आदि आदि ) इसके लिये निश्चित किये गये दायित्यों के कारण उसमें भौतिक उपस्थिति के चलते विगत किसी भी अवकाश दिवस मे मैं अपने पारिवारिक दायित्व नहीं निभा पाया हूँ।

अभी कल जो रविवार बीता है उसमें भी राजधानी में शासक दल द्वारा मुस्लिम क्षत्रिय वैश्य भाईचारा रैली का आयोजन किया गया था जिसमें शान्ति व्यवस्था व अन्य व्यवस्थाओं (?)के मध्येनजर समूचे प्रदेश से छोटे बडे लगभग 500 अधिकारी विभिन्न उत्तरदायित्यों के निर्वहन के लिये राजधानी में उपस्थित थे।


प्रदेश की लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी (?) द्वारा मुसलमानों को अपने एजेन्डे में जोडने के लिये सार्वजनिक रूप से सच्चर कमेटी की सिफारिशों के प्रति सहमति जताकर उसके अनुसार सहूलियें प्रदान करने का संकल्प दोहराया गया।
संभवतः बहुजन समाज पार्टी के इतिहास में यह पहला अवसर रहा होगा जब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हिन्दुस्तान के मुसलमानों को अपने एजेन्डे में जोडने के लिये सार्वजनिक रूप से सच्चर कमेटी की सिफारिशों के प्रति सहमति जताकर उसके अनुसार सहूलियें प्रदान करने का संकल्प दोहराया गया। यह संयोग ही था कि आज ठीक उस समय जब लखनऊ में सार्वजनिक मंच से बसपा प्रमुख जहां हिन्दुस्तान में मुसलमानों को सच्चर कमेटी के अनुरूप सहूलियें मुहैया कराने का संकल्प कर रही थी ठीक उसी समय भारतीय ब्लाग और ब्लागरों के समाचारों का दर्पण कहा जाने वाले 'भारतीय ब्लॉग समाचार' पाकिस्तानी हिन्दुओं की हिन्दुस्थान में दुर्दशा ...की सूचना सार्वजनिक करते हुये यह बता रहा था कि पाकिस्तान से तीर्थयात्रा पर भारत आया 150 हिन्दुओं का दल किस प्रकार हिन्दू होने का अपराध ....की सजा भुगतते हुये वापिस अपने देश पाकिस्तान नहीं जाना चाहता।

मै इस अवसर पर हिन्दुस्तान में राजनैतिक तुष्टिकरण के विस्तार में न जाते हुये नवभारत टाइम्स में रीडर्स ब्लाग . पर ब्लागर केशव द्वारा प्रकाशित निम्न आंकडों को आपको पुनः याद दिलाना चाहता हूं।



यह प्रकरण आपके सम्मुख सादर विचारार्थ प्रस्तुत है।

3 टिप्‍पणियां:

  1. यह वोट तंत्र जो करादे सो कम यहाँ सिरों की गिनती ही लोकतंत्र है .लेदेके वोट हथियाना कभी "नरेगा" कभी "मरेगा" और अब खाद्य सुरक्षा बिल है .

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  2. सही कहा आपने। अपुन तो रैली स्‍थल के थोडा और पास हैं, इसलिए पहले से सारे प्‍लान कैंसिल करने पडते हैं।

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  3. प्रदेश की लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी (?) ..sahi question mark laga hai..
    Keshav ji dwara prakahsit ankade vicharniya hain...
    jaane itna kuch hone ke baad kab tak chetinge ham..
    sarthak chintan prastuti ke liye aabhar!

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