वर्ष पूरा हुआ
वार्षिक लेखा जोखा नापने को
अधिकारियों के घरों पर
तराजू लगाये गये हैं
ठीक सरकारी गल्ला खरीद केन्द्र जैसे
किसी निरीह किसान की तरह
मैं भी कई दिनों से खडा हूँ
अपना गल्ला लेकर
लेकिन हर रोज कोई न कोई
बिचैलिया भरमा देता है मुझे
या कोई पल्लेदार झटक देता है मेरा हाथ
यह कहते हुए कि
तुम्हारे अनाज में कंकडों की मिलावट है
यह ऐसे नहीं खरीदा जा सकेगा
और मैं किसी पिल्ले की तरह
दुम हिलाता हुआ
बार बार चला जाता हूँ उनके सामने
और सोचता हूँ
सरकारी कामों को निबटाना
उतना जरूरी नहीं है
जितना जरूरी है
तलवे चाटने में महारत हासिल करना
सच में !
कैसी विडंबना है कि
उन्हें मूल्यांकन करना है
जिन्हें व्यवस्था ने स्वयं
वर्षो से ढोया है
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